पीएम मोदी बोले- डिजिटल क्रांति की जड़ें लोकतंत्र में निहित, समझाया कैसे बदल रही लोगों की जिंदगी
पीएम मोदी बोले- डिजिटल क्रांति की जड़ें लोकतंत्र में निहित, समझाया कैसे बदल रही लोगों की जिंदगी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित सिडनी डायलाग को संबोधित करेते हुए कहा कि डिजिटल युग हमारे चारों ओर सब कुछ बदल रहा है। इस आयोजन में पीएम मोदी ने भारत के प्रौद्योगिकी अभ्युदय व क्रांति विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। सिडनी डायलाग का आयोजन 17 से 19 नवंबर तक हो रहा है। यह आयोजन आस्ट्रलियाई रणनीतिक व नीति संस्थान की पहल है।
- प्रौद्योगिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा का प्रमुख साधन बन गई है, ये भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने की कुंजी है। प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। हमें वेस्टर्न इंटरेस्ट के स्वार्थों को इसका दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए: पीएम मोदी
- एक लोकतंत्र और डिजिटल लीडर के रूप में भारत अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा मे भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। भारत की डिजिटल क्रांति लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और अर्थव्यवस्था के पैमाने में निहित है। यह हमारे युवाओं के उद्यम और इनोवेशन से संचालित है: पीएम मोदी
- वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सिडनी डायलाग को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है। यह संप्रभुता, शासन, नैतिकता, कानून, अधिकारों और सुरक्षा पर नए सवाल उठा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, शक्ति और नेतृत्व को नया आकार दे रहा है।
- पीएम ने कहा कि भारत के लोगों के लिए बड़े सम्मान की बात है कि आपने मुझे सिडनी डायलाग के संबोधन के लिए आमंत्रित किया। मैं इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उभरती डिजिटल दुनिया में भारत की केंद्रीय भूमिका की मान्यता के रूप में देखता हूं।
- इस कार्यक्रम में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन ने कहा कि आस्ट्रेलिया-भारत के बीच गहरी दोस्ती है, समय के साथ हमारे संबंध और आगे बढ़ेंगे। हम अंतरिक्ष, विज्ञान, डिजिटल प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में बहुत प्रगति कर रहे हैं। आस्ट्रेलिया के लिए सम्मान की बात है कि पीएम मोदी 'सिडनी डायलाग' को संबोधित कर रहे हैं। बता दें कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भी संबोधन होगा।
सिडनी डायलाग का मकसद राजनीतिक, व्यावसायिक और सरकार में शामिल नेताओं को एक मंच पर लाने, नए विचारों को पर चर्चा करने और उभरते व महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी से पैदा होती चुनौतियों व अवसरों के मद्देनजर साझा सहमति बनाने के लिए काम करना है।